एकाकार दो रंग अलहदा – लता और बप्पी दा
हिंदी फिल्मी गीतों का सफर “सुरों की लता “जो महकी तो रूह को छू गई। लता की उत्कृष्टता, सुरों की पावनता व शुद्धता , स्वरसाधना शिखरों को परिभाषित करती है । व्योम पर हस्ताक्षर करती है। वह जो कुछ करती हैं , एक तिलिस्म रच जाता है। अद्भुत आरोह -अवरोह में डूबे हुए हम हम…