संजय जैन की कविताएं | Sanjay Jain Poetry
स्वयं का जन्म दिन खुदका जन्म दिन मनाना रहा हूँ।देखो दुनियां वालो तुम।कितना हर्षित और प्रफुल्लित हूँ।अपने इस जन्म दिन पर मैं।। एक वर्ष और कम हो गया।अपनी आयु के वर्षो में से।फिर भी देखो कितना खुश हूँ।अपनी घटती हुई उम्र पर मैं।। खुश नसीब मानता हूँ खुदको।इसलिए आया दुनियां में।कर्मो के बंधन के कारण…