कहाँ गए बचपन के,सुनहरे प्यारे "वो" दिन ||

वो बचपन के दिन | Bachpan par kavita

°°° वो बचपन के दिन °°° ( Wo bachpan ke din )   कहाँ गए बचपन के, सुनहरे प्यारे “वो” दिन || 1. कुछ पल ही सही,पर हम भी कभी,साहूकारों मे आते थे | जब -तब हमनें बाजी मारी,तब नगर सेठ कहलाते थे | कुछ पल के लिए ,कुछ क्षण के लिए,दरबार हमारा लगता था…