सुनो दिकु | Kavita Suno Diku
तेरी यादों का उजाला तेरी यादों में डूबा ये दिल बेसहारा,हर लम्हा अब लगता है सूना-सपना हमारा।तेरी हंसी की गूंज अब भी कानों में है बाकी,तेरे बिना हर ख़ुशी लगती है जैसे रोता हुआ कोई बच्चा बेचारा। तेरी राहों में आंखें बिछाए खड़ा हूँ यूं ही,हर खामोशी में छिपी है लौट आने की आस।सब कुछ…