स्वयं को बदले और
स्वयं को बदले और ज़माने में आये हो तो जीने की कला को सीखो। अगर दुश्मनों से खतरा है तो अपनो पे भी नजर रखो।। दु:ख के दस्तावेज़ हो या सुख की वसीयत। ध्यान से देखोगें तो नीचे मिलेंगे स्वयं के ही हस्ताक्षर।। बिना प्रयास के मात्र हम नीचे गिर सकते है। ऊपर उठ नहीं…