Aag

आग | Aag

आग ( Aag )    शाम को अभी और ढल जाने दो जरा बर्फ को अभी और पिघल जाने दो जरा अभी अभी ही तो ली है अंगड़ाई तुमने दिल को अभी और मिल जाने दो जरा अभी अभी ही तो मुस्कराए हैं लब तेरे अभी अभी ही तो शरमाई हैं आंखें तेरी अभी अभी…