आस्था में ही विश्वास है | Aastha Mein Vishwas
कंचन काया राम की , नयन कमल समान दर्शन करती दुनियां,करती प्रभु को प्रणाम ।। मूर्तिकार ने जब यह मूर्ति बनाई तब उसका स्वरूप उसे इस प्रकार का बिल्कुल नहीं लगा जैसे उसमें कोई ऊर्जा समाहित हो परंतु प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम का स्वरूप और निखार एकदम से अलग हो गया हमारे वेद मन्त्रों…