सांस्कृतिक चेतना के उद्घारक : आचार्य रामचंद्र शुक्ल

सांस्कृतिक चेतना के उद्घारक : आचार्य रामचंद्र शुक्ल

एक ऐसा अजेय लेखक जिसके नाम से एक युग की शुरुआत होती है वे थे आचार्य रामचंद्र शुक्ल । वे हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ पुरुष थे कि जिसको लांघकर निकल जाना किसी के बस की बात नहीं थी। उनके द्वारा लिखित हिंदी साहित्य का इतिहास आज तक भी कोई दूसरा नहीं लिख सका है…