औरत समपर्ण है | Aurat Samarpan Hai
औरत समपर्ण है ( Aurat Samarpan Hai ) औरत को एक जन्म में समझना चाहते हो ग़लत फ़हमी में हो औरत को समझने के लिये एक जन्म नहीं, कई जन्म चाहिए औरत का दिल समन्दर की तरह है मोम की तरह है, पत्थर की तरह है औरत समपर्ण है आकर्षण है पारे जैसा दर्पण…