बजे तब मेरे मन के तार | Baje Tab Mere Man ke taar
बजे तब मेरे मन के तार ( Baje tab mere man ke taar ) सावन की चली मस्त बहार, रिमझिम आने लगी फुहार। अधर हुई गीतों की बौछार, बजे तब मेरे मन के तार। बजे तब मेरे मन के तार जब कुदरत ने किया श्रंगार, बजी तब मधुबन में झंकार। शिवमय सावन हुआ सार,…