बेमौसम बरसात | Be Mausam Barsat par Kavita
बेमौसम बरसात ( Be mausam barsat ) ओला आंधी तूफां आए, घिर आई काली रात। धरती पुत्र सुस्त हो गए, हुई बेमौसम बरसात। फसल खड़ी खेत रबी की, आने को हुई वैशाखी। जमीदार मुंह ताक रहा, अब कर्ज चुकाना बाकी। बिन बुलाए मेहमान आए, ज्यों बेमौसम बरसात। अपने भी मुंह फेर रहे, ना पूछे…