Bhakti Kavita | Hindi Kavita | Hindi Poem -श्याम रे
श्याम रे ( Shyam Re ) नाही आये यमुना तट पे श्याम रे, सुबह बीती दोपहरी हुई शाम रे। कहाँ छुप गए मनमोहन घनश्याम रे, मन है बेकल कहाँ है श्री श्याम रे। निरखत से नयन नीर भर भर आए रे, जैसे घटा में मेघ घन घिर आए रे। कारी बदरिया …