भूख | Bhookh par Kavita
भूख ( Bhookh ) भूख की कामना है मिले रोटियां रहे सम्मान ना या बिके बेटियां भूख की आग जलती है बुझती कहां? इसके आगे ना दिखती है जन्नत जहां। आग में जलते देखा है बच्चे जवां भूख से जो तड़प करके देते हैं जां रोटियां हो कई दिन पुरानी तो क्या भूख…