हम भी हैं इसी मुल्क के | Poem on communalism in Hindi
हम भी हैं इसी मुल्क के ( Ham bhi hain isi mulk ke ) हम भी हैं इसी मुल्क के, गद्दार नहीं है । मजहब ये मुसलमान सितमगर नहीं है । अपने लहू का कतरा भी कुर्बान करें हम कहते हो हमको हम वफादार नहीं हैं हम भी हैं इसी मुल्क…