दीप वर्तिकाएं | Deepawali Poem in Hindi
दीप वर्तिकाएं दीप वर्तिकाएं ज्योतिर्मय, राघव के अभिनंदन में *********** जन ह्रदय पुनीत पावन, सर्वत्र स्नेह प्रेम सम्मान। कलयुग रूप त्रेता सम, अयोध्या उपमित जहान। मर्यादा पुरुषोत्तम दिग्दर्शन, आराधना स्तुति वंदन में । दीप वर्तिकाएं ज्योतिर्मय, राघव के अभिनंदन में ।। चतुर्दश वर्ष वनवास इति श्री, रघुनंदन साकेत वापसी अनूप । मनुज सर्व जीव…