नाजुक सा जनाब दिल | Dil Poem
नाजुक सा जनाब दिल ( Nazuk sa janab dil ) मिलन को बेताब दिल बुन रहा ख्वाब दिल। नाजुक सा जनाब दिल दमके महताब दिल। प्यार भरे मधुर तराने गीत धड़कने गाती है। नयन बिछाए राहों में आओ तुम्हें बुलाती है। जाने क्यों मन की बेचैनी बेताबी सी होती है। दिल की धड़कने ठहरी…

