diwali ki poem

दिवाली की जगमग रात | Diwali ki poem

दिवाली की जगमग रात ( Diwali ki jagmag raat )   दीयों की रोशनी में जगमगा रही दिवाली की जगमग रात जहां जहां राम ने चरण रखे हो रही खुशियों की बरसात   अमावस की काली रात भी रोशनी से रोशन हो रही घी के दिए जल रहे हैं घट घट खुशियां हो रही  …