समर्पण के बोल कह सकते नहीं | Geet samarpan ke bol
समर्पण के बोल कह सकते नहीं !! ( Samarpan ke bol kah sakate nahin ) अस्त्र लाये कोईभी दुश्मनमगर,समर्पण के बोल कह सकते नहीं !! देश का अपमान करने जोखुले,ऐसे मुखके बोल सह सकते नहीं !! बाँटी हमने शान्ति और सदभावना हर पड़ौसी और निर्बल को यहाँ मित्रताएँ दीं धरा के छोर तक,…