जय हो जय हो कलम तेरी | Jai ho Kalam Teri
जय हो जय हो कलम तेरी ( Jai ho jai ho kalam teri ) तीर और तलवार कहां कब कर पाए वह काम कभी कलमों के ताकत के आगे टिका कौन बलवान कभी जड़चेतन में जान फूंककर पिघल पिघल स्याही लिख दी सिंहनाद सी कलम गरज कर युग की युगभावी लिख दी …