जल बिन | Kavita
जल बिन ( Jal Bin ) इकदिन समंदर भी सूख जाएगा व्यर्थ पानी बहाया जा रहा घर-घर लगाकर समरसेबुल व्यर्थ पानी बहाया जा रहा जहां थी जरूरत सभी को इक गिलास पानी की वहां चलाकर समरसेबुल व्यर्थ पानी बहाया जा रहा पानी का कीमत इक दिन जाकर मैं मछलियों से पूछा, वो…