Jeevan ki Shuruaat

जीवन की शुरुआत | Jeevan ki Shuruaat

जीवन की शुरुआत ( Jeevan ki Shuruaat ) हम हरदम ही हारे ज़माना हमेशा हमसे जीत गया, हार जीत के इस खेल को खेलते जीवन बीत गया, सारे दाव-ओ-पेंचों को समझने में उम्र निकल गया, खेल के इख़्तिताम पे तन्हा थे दूर हर मनमीत गया, रिश्तों की उलझी गिरहें सुलझाने में खुद यूँ टूट गए,…