जिम्मेदारी | Jimmedari kavita
जिम्मेदारी ( Jimmedari ) रिश्तों की डगर पे जिम्मेदारी खूब निभाता हूं जीवन के उतार-चढ़ाव में संभल कर जाता हूं घर परिवार कुटुंब अपनों में स्नेह लुटाता हूं अपनापन अनमोल है सबसे प्यार पाता हूं मात पिता की सेवा करें समझे सब जिम्मेदारी तरुणाई चार दिन की फिर आगे अपनी बारी …