धर्म एक स्मार्ट बिजनेस | Kahani Dharm ek Smart Business

धर्म एक स्मार्ट बिजनेस | Kahani Dharm ek Smart Business

सुधीर जो भी काम करता अक्सर उसमें असफल हो जाता। किसी प्रकार से उसका घर चल पा रहा था। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करें ? उसने एक दुकान कपड़ों की खोला लेकिन वह भी बंद करनी पड़ी। उसके पिताजी कुछ झाड़ फूंक किया करते थे। बचपन में वह उन्हें ऐसा करते…