धर्मांतरण

धर्मांतरण | Kahani Dharmantaran

अभी सुबह-सुबह का मुश्किल से 7:00 बजे होंगे। महेश मॉर्निंग वॉक से लौटा ही था कि रास्ते में रुमाल लटकाए हुए बड़ी तेजी से गांव का एक व्यक्ति चला जा रहा था। मनीष को देखने के बाद वह थोड़ी और तेजी चलने लगा जिससे आमने-सामने उसकी टकराहट ना हो। फिर भी टकराहट हो गई। उसने…