स्वयंसिद्धा | Kahani Swayamsidha
जीत ने जैसे ही घर का ताला खोल घर मे प्रवेश कदम रखा कि मोहल्ले की औरतों ने भी उसके साथ प्रवेश किया। वे सब उससे उसका हाल चाल पूछ रही थीं और वह बड़े संयत ढंग से उन सभी के प्रश्नों का उत्तर देती जा रही थी। लगभग दो घण्टो के बाद भीड़ छंटनी…