कर्जदार | Karjdar | Kavita
कर्जदार ( Karjdar) धरती अंबर पर्वत नदियां सांसे हमने पाई है। पेड़ पौधे मस्त बहारें सब दे रहे हमें दुहाई है। मातपिता का कर्ज हम पर प्रेम बरसाते। कर्जदार जन्मभूमि के पावन रिश्ते नाते। देशभक्त मतवाले रहते जो अटल सीना तान। कर्जदार हम उनके लुटा गए वतन पर जान। रात दिन…