कर्म | Karm
कर्म ( Karm) कर्म करो तुम हे मानव, तू क्यो संताप में डूबा हैं। फल देना है काम मेरा, तू कर जो तेरी पूजा है। मैं हर युग का नारायण जो, हर पल तेरे साथ रहा, संसय त्याग के कर्म करो, उस सा कर्म न दूजा है। मैने ही खंम्भे को फाड कर, के…
कर्म ( Karm) कर्म करो तुम हे मानव, तू क्यो संताप में डूबा हैं। फल देना है काम मेरा, तू कर जो तेरी पूजा है। मैं हर युग का नारायण जो, हर पल तेरे साथ रहा, संसय त्याग के कर्म करो, उस सा कर्म न दूजा है। मैने ही खंम्भे को फाड कर, के…