आहट | Kavita Aahat
आहट ( Aahat ) घर के भीतर तो नज़र आती हैं दीवारे हि रास्ते तो बाहर हि दिखाई देते हैं उजाले की चाहत में कलियाँ अंधेरे मे ही सजती संवरती हैं आते नहीं कहकर अवसर कभी उनकी आहट को हि महसूस करना होता है गफलत भरी नींद को हि लापरवाही कहते हैं आभास हि…