आओ चलें मिलकर चलें | Kavita aao chalen milkar chalen
आओ चलें मिलकर चलें ( Aao chalen milkar chalen ) कहां जा रहा है अकेला छोड़ अपनों का झमेला जीवन है अपनों मेला, हम छोड़ इसको क्यों चले आओ चलें मिलकर चलें। सीखो नन्ही चींटियों से उनके श्रम व पंक्तियों से चार दिनों की यात्रा में हम अपनों से क्यों लड़े आओ चलें…