Prem ras kavita

अंतिम सांस तक | Prem ras kavita

अंतिम सांस तक ( Antim saans tak )     सोनू से प्रेम है उससे मुझे प्रेम है कुछ-कुछ स्वर्णाभ अक्षत सा है….. कुन्दन सा खरा शाश्वत है स्वयं से प्रकाशित आभाषित ईश्वरत्व की सत्यता जैसा जो हमारे प्रेम पर आकर रुक जाती है और बस रुकी ही रहती है       अंतिम साँस तक ……………….