बिछा लो प्रेम की चादर | Kavita bichha lo prem ki chadar
बिछा लो प्रेम की चादर ( Bichha lo prem ki chadar ) बिछा सकते हो तो बिछा लो प्यार की चादर। गोद में पलकर हुए बड़े कर लो उनका आदर। बिछा लो प्रेम की चादर आंधी तूफानों में भी हम आंचल की छांव में सोए। साहस संबल मांँ ने दिया पुचकारा जब…