देश प्रेम | Kavita Desh Prem
देश प्रेम ( Desh Prem ) मां, ऐसी मुझे जवानी दे मर जाऊ, इस देश के खातिर, शाम सूबा ये, पानी दे मां ऐसी मुझे जवानी दे । नही चाहिये हल्दी, चंदन, तन को पीला करने को l देना है तो गर्व से मुझको, तिलक धारा धूल बलिदानी दो l मां ऐसी मुझे जवानी दो…