Kavita hamare papa

ऐसे है हमारे पापा | Kavita hamare papa

ऐसे है हमारे पापा ( Aise hai hamare papa )     बदन पे खाकी वर्दी घुमते-रहतें गर्मी चाहें सर्दी, दिल में है जिनके दया-भाव और यह संवेदना। ऐसे है हमारे पापा जो है एक सैनिक एवं कवि, लिखतें है कविता पर नहीं करतें ये आलोचना।।   पिछलें कई वर्षों से कर रहें है यह…