Kavita Kisano ka Dard

किसानों का दर्द | Kavita Kisano ka Dard

किसानों का दर्द ( Kavita Kisano ka Dard )      देख कर फसलों की सूरत जीवित है कौन? टूटकर  बिखरा  है   हृदय तन मन है मौन   छींट  कर  बीजों  को  मैंने उम्मीद पाली, काट दिया अब हाथ जैसे यह वर्फ जाली।   कष्ट भरा किससे कहें हम अपनी कहानी, ले   गया   आशाएं  सारा…