क्षणिक दुःख सुख | Kavita
क्षणिक दुःख सुख ( Kshanik duhkh sukh ) दुःख कहें या सुख जिन्दगी का एक सिलसिला है, कहीं टपकता बूंद है,तो कहीं कहीं सुखा गिला है। अगर दुख न होता तो सुख को कहां से लाते हम, सब सुखी ही रहते तो भला देवालय क्यों जाते हम। कुछ उधार नहीं मिलता यहां…