मौन | Kavita maun
मौन ( Maun ) एक समय के बाद बहुत उत्पीड़न अन्तत: मौन की ओर हमें ले जाता है। और मौन? निराशा की ओर। निराशा किसी अपने से नहीं, ईश्वर के किसी निर्णय से नहीं। मात्र खुद से। अकेले रहते रहते हमारी आत्मा इतनी कुण्ठित होती जाती है, कि हमारा क्रोध, प्रतिशोध, आकाँक्षायें सब कुछ…