Kavita Murkh Divas

मूर्ख दिवस | Kavita Murkh Divas

मूर्ख दिवस ( Murkh Divas )   हम मुर्ख बने मुर्ख रहे आज भी मुर्ख बनें हैं मुर्ख हैं सोचे हि नहीं कभी तात्पर्य इस मूर्खता का कर लिए स्वीकार्य हंसकर चली गई चाल थी यह हमारी संस्कृत्ति के तोड़े जाने की पावन पुनीत चैत्र प्रतिपदा को मुर्ख दिवस साबित करने की हा, हम मुर्ख…