Kavita Sahara

सहारा | Kavita Sahara

सहारा ( Sahara )   लड़ा नही जाता अब हालातो से अब टूटते हुए सपनो के टुकड़ों को संभाला नही जाता मां की ममता का स्नेह अब बताया नही जाता अब बस दुआ वों का सहारा है मन्नतो का आसरा है वक्त के साये तले हर शक्स का बेनकाब चेहरा है अपनी तन्हाई में अब…