उपासना स्थल | क्षणिका
उपासना स्थल | kshanika उपासना स्थल भव्य हों ऊंँची मीनारें, बुर्ज़ तने हों। उपासना करने वाले बौने चरित्र हों तो कैसे रक्षा करेंगे विशालकाय देवालय।। @अनुपमा अनुश्री ( साहित्यकार, कवयित्री, रेडियो-टीवी एंकर, समाजसेवी ) भोपाल, मध्य प्रदेश यह भी पढ़ें :- Hindi Kavita | चार लाइनें