आईना

दर्पण | Laghu Katha Darpan

“मालिक, आप दर्पण क्यों देखते हैं ॽ” रामू ने साहस करते हुए अपने मालिक से पूछा। “संवरने के लिए।” मालिक ने कहा। “संवरती तो नारी है, आप नारी हैं क्या ? ” मुंँह लगा रामू ने चुस्की लेते हुए कहा। “डंडे पड़ेंगे, जो ऐसा कहांँ तो।” फिर मालिक ने उसे हिदायत करते हुए कहा। “सच…