हृदय की पीर लेखनी | Lekhni par kavita
हृदय की पीर लेखनी ( Hrdaya ki peer lekhni ) जब हृदय की पीर कागज पे भावों से बहकर आती है कलम की धार बने कविता दिल को बहुत लुभाती है ओज प्रेम करुणा बरसती शब्द सुरीले प्यारे-प्यारे कुदरत करे श्रंगार अगणित कलम के बहते धारे देशभक्ति राष्ट्रप्रेम की अलख जगाती रही…