Main Geet Nahi Gata Hoon

मैं गीत नहीं गाता हूॅ | Main Geet Nahi Gata Hoon

मैं गीत नहीं गाता हूॅ ( Main geet nahi gata hun )   शब्दों का खेल रचाकर, मन अपना बहलाता हूॅ। मैं गीत नहीं गाता हूॅ। कवि कर्म नहीं कुछ मानूॅ, रचनाधर्मिता न जानूॅ, भावों की धारा में बह सुख से समय बिताता हूॅ। मैं गीत नहीं गाता हूॅ। मन दूर जगत से जाता, आनन्द…