मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री-जीवन के चित्र

मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री-जीवन के चित्र

मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री-जीवन के चित्र   स्त्री सदैव ही अपनी अस्मिता को लेकर आवाज उठाती रही है। यह बात और है कि इस शोर-गुल भरे समाज में उसकी आवाज बहुत मन्द सुनाई देती है। जिसे अधिकतर समाज अनदेखा करता आया है और जिसने भी उसकी आवाज सुनी भी वह बहुत आगे नहीं…