Mann ki Tahen

आओ खोलें मन की तहें | Mann ki Tahen

आओ खोलें मन की तहें ( Aao khole mann ki tahen )    आओ खोले मन की तहें कुछ सुने कुछ कहें खोल दे गांठे हम भी दर्द मन के जो दबे रहे इक दूजे के दुख बांटे पीर मन की सब कहे अंतर्मन में व्यथा दबाए चिंताओं में क्यों रहे सुख-दुख धूप छांव से…