मतदान | Matdan par kavita
मतदान ( Matdan ) ( 3 ) पलट दो सत्ता को पलट दो आवाम पर्व है लोकतंत्र का चलो चले करें मतदान लालच बुरी बला है संकट इससे कहां टला है स्वयं में स्वतंत्र बनो नहीं तुम परतंत्र बनो वोट हमारी पूंजी है समर्थ देश की कुंजी है जात धर्म मजहब से ऊपर देश हमारा…