Mol kya doge

मोल क्या दोगे | Mol kya doge

मोल क्या दोगे ( Mol kya doge )    यूं ही बरसती नही बूंद बादल से याद है उसे सागर की गहराई छूकर भी ऊंचाई को हर कोई जमीनी धरातल को भूला नहीं करता… चुका दोगे ली गई कर्ज की दौलत को उस वक्त के एहसान का मोल क्या दोगे कम पड़ जायेगी तुम्हारी उम्र…