नारी एक रूप अनेक | Nari ek Roop Anek
नारी एक रूप अनेक ( Nari Ek Roop Anek ) किसी का मुकद्दर संवारती है , किसी का मुकद्दर बिगाड़ती है , नारी अगर जिद्द पर आ जाए राजा को भी वो रंक बनाती है! -1 हमसफर का साथ निभाती है, पूरा जीवन समर्पित करती है , नारी अगर जिद्द पर आ जाए बेवफाई…