परिवार | Parivar par kavita
परिवार ( Parivar ) चाहे कोई कितना भी हो पास, चाहे तुम हो किसी के कितने भी खास। छोटी-बड़ी बातों को पल में जो भुला दे, वो परिवार ही होता है। टूटने लगे जब हर आस, छूटने लगे जब तन से साँस, फिर भी हर आवाज़ में तुम्हें पुकारे, उस पिता के साये में…