Poem hey ishwar kya teri maya

हे ईश्वर क्या तेरी माया | Poem hey ishwar kya teri maya

हे ईश्वर क्या तेरी माया ( Hey ishwar kya teri maya )   हे ईश्वर क्या तेरी माया कहीं धूप कहीं पर छाया लीला अपरंपार प्रभु तेरा खेल समझ ना आया कहीं आंधी कहीं वर्षा खुशियों भरा मधुमास हरसा बाद कहीं सूखा मिलता बिन पानी के प्यासा तरसा झरनों से जल बरसाया पहाड़ों पर चमन…