Poem in Hindi on thand

ठंड का प्रभाव | Poem in Hindi on thand

ठंड का प्रभाव ( Thand ka prabhav )    सुनो ठण्ड दुष्कर हो रहा है तुम्हे सहन कर पाना सूर्य तापमान का गिरना और देह का कंपकंपाना   सुनसान हैं सभी सड़कें और धुंध हर तरफ है छाई अपने आकर्षण से बहुत लुभा रही है यह गर्म रजाई   कभी  नर्म, कभी कड़क धूप का…